आज तिरंगे को सलाम है
आज हम भी तिरंगा को ऊंचा करेंगे
जम्मू या कन्याकुमारी में नहीं
लाल चौक का किला भी नहीं
पर आज हम इससे अपने दिल में ऊंचा करेंगे
हम अपने दिल में ख़ुशी से लहराएँगे
इसे धरती का कोना या अम्बर की गहराई नहीं चाहिए
सिर्फ अपने दिल में थोड़ी सी जगह दे दो
वोह ख़ुशी के तीन रंग सारे जहाँ में फ़ैल जायेगा
यह तिरंगा, जो शान्ति, एकता और प्यार का प्रतीक है
आज फिर से उसे दिल से सलाम है
आओ चलो हम भी लहराये तिरंगे को अपने दिल में |
1 comment:
sorry can't :(
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